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BL Santosh: 'मजबूत मंडल- मजबूत बूथ', बीजेपी वर्कर्स को बीएल संतोष ने दिया आने वाले चुनावों में जीत का मंत्र

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लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बी एल संतोष ने सोमवार को प्रदेश इकाई के पदाधिकारियों को आने वाले चुनावों में जीत का मंत्र दिया। उन्‍होंने कार्यकर्ताओं को विभिन्न चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने का लक्ष्य सौंपते हुए कहा कि सशक्त मंडल-सशक्त बूथ को आधार बनाकर पार्टी के विस्तार का कार्य निरंतर करते रहना है। सोमवार को दो दिवसीय संगठनात्मक प्रवास पर लखनऊ पहुंचे संतोष ने भाजपा प्रदेश मुख्यालय में बैठक की। इसमें उन्‍होंने पार्टी के प्रदेश पदाधिकारियों-क्षेत्रीय अध्यक्षों और जिलाध्यक्ष एवं जिला प्रभारियों से चर्चा की। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने संगठन में आंशिक बदलाव की सहमति दी है। जल्द ही यूपी संगठन में बदलाव किए जाएंगे।

बैठक को संबोधित करते हुए संतोष ने कहा कि प्रदेश में होने वाले विधान परिषद के चुनाव और नगर निकायों के चुनावों में पार्टी की विजय सुनिश्चित करने के संकल्प के साथ कार्य करना है। उन्होंने कहा,‘हमारा दल सर्वव्यापी-सर्वस्पर्शी-सर्वसमावेशी-सर्वग्राही है। केन्द्र और राज्य में हमारी सरकार है। भाजपा सरकार अपने संकल्प पत्र में किये गए संकल्पों को पूर्ण करते हुए कल्याणकारी योजनाओं और निर्णयों के जरिए जन-जन की आर्थिक और सामाजिक उन्नति के लिए काम कर रही है। ऐसे में हम सब का दायित्व बनता है कि भाजपा सरकार की योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार हो और योजनाओं का लाभ समाज के हर जरूरतमंद तबके और पात्रों तक पहुंचे।'

इसके पहले भूपेंन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के संकल्प की पूर्णतः में हर कार्यकर्ता को जुटना है। हर कार्यकर्ता को वैभवशाली राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना है। राधा मोहन सिंह ने बैठक में कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता विचारधारा के लिए कार्य करता है और उस विचारधारा के मूल में वैभवशाली राष्ट्र निर्माण है।

'बीजेपी संगठन में होगा बदलाव'

बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने संगठन में आंशिक बदलाव की सहमति दी है। जल्द ही यूपी संगठन में बदलाव किए जाएंगे। भूपेंद्र चौधरी ने कहा देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा जो नोटबंदी की गई थी इस दौरान तमाम राजनीतिक दलों के द्वारा प्रतिक्रियाएं दी गई थी जिसमें 58 याचिकाएं नोट बंदी को लेकर दाखिल की गई थी। उसको अस्वीकार कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने नोटबंदी को सही ठहराने का काम किया है। यह उन लोगों पर तमाचा है जो नोट बंदी को लेकर सवाल खड़े करते थे। ओबीसी आरक्षण को लेकर चौधरी ने कहा कि आज सरकार सुप्रीम कोर्ट गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया हैं। इसकी सुनवाई 4 जनवरी से शुरू होगी।

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Rahul Yatra: आज दिल्‍ली से यूपी पहुंचेगी राहुल की भारत जोड़ो यात्रा, पूरा रूटमैप देख लीजिए

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लखनऊ: राहुल गांधी (Rahul Gandhi ) की भारत जोड़ो यात्रा (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) मंगलवार से यूपी से शुरू हो रही है। राहुल गांधी की यात्रा के इस चरण में यूपी में 120 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। 3 जनवरी को शुरू हुई यह यात्रा 5 जनवरी को पूरी होगी। इसके बाद यह यात्रा पड़ोसी राज्‍य हरियाणा में पहुंच जाएगी।

इस यात्रा की शुरूआत मंगलवार को दिल्‍ली के कश्‍मीरी गेट स्थित हनुमान मंदिर के पास से शुरू होगी और वहां से चलते हुए यह गाजियाबाद पहुंचेगी। अपने पहले दिन के पड़ाव में यह यात्रा बागपत जिले के मावीकला गांव में विराम पाएगी। यहां राहुल गांधी कार्यकर्ताओं समेत रात्र‍ि विश्राम करेंगे।

इस यात्रा के दूसरे दिन यानी 4 जनवरी को यह बागपत से पड़ोसी जिले शामली पहुंचेगी और 5 जनवरी को यह यात्रा शाम के समय हरियाणा की सीमा में प्रवेश कर जाएगी। इस तरह यूपी में राहुल गांधी की यह महत्‍वाकांक्षी यात्रा पश्चिमी यूपी के ही जिलों से होकर गुजरेगी।

बताया जा रहा है कि राहुल गांधी के साथ करीब दो से ढाई हजार कार्यकर्ता होंगे। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 7 सितंबर 2022 को तमिलनाडु के कन्याकुमारी में शुरू हुई थी। यह अब तक 10 राज्यों से गुजरते हुए 2,800 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुकी है। इस महीने यह यात्रा कश्मीर में समाप्त होगी। यात्रा के समाप्‍त होने से पहले यूपी का यह चरण बहुत अहम माना जा रहा है।

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सम्मेद शिखर विवाद: अखिलेश का समर्थन, अबु आजमी का विरोध... जैन समाज की मांग पर एक सुर क्यों नहीं SP?

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में सम्मेद शिखर विवाद पर विपक्ष दो भागों में बंटता दिख रहा है। मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी में दो सुर सुनाई पड़ रहे हैं। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सम्मेद शिखर विवाद में जैन समाज का समर्थन किया है। वहीं, अबु आजमी जैन समाज को समर्थन न देने की बात कर रहे हैं। झारखंड में सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाए जाने के हेमंत सोरेन के निर्णय के खिलाफ पूरे देश में जैन समाज आक्रोशित है। इसको लेकर अब तमाम राजनीतिक दलों की ओर से प्रतिक्रिया सामने आने लगी है। जैन समाज अपनी आस्था के केंद्र को दूषित न किए जाने की मांग कर रहा है। इस मामले में यूपी के मुख्य विपक्षी दल के भीतर से अलग-अलग आवाजें सुनी जा सकती है।

अखिलेश और अबू आजमी ने क्या कहा?


समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जैन समाज की ओर से चल रही मांग का समर्थन किया है। अखिलेश ने कहा कि शांतिप्रिय जैन समाज की अपने परम तीर्थ श्री सम्मेद शिखर जी को पर्यटन के नाम पर प्रदूषित करने के भाजपाई षडयंत्र के विरोध में विश्वव्यापी अहिंसक मांग की जा रही है। भाजपा सरकार की ओर से हिंसक तरीके से इसे दबाने की कोशिश हो रही है। यह निंदनीय है। हम जैन समाज की न्यायपूर्ण मांग के साथ हैं।

जैन समाज की ओर से चल रहे आंदोलन पर सपा विधायक अबु आजमी ने कहा है कि जैन आंदोलन का मैं कभी समर्थन नहीं करूंगा। क्या वे मेरी मांगों का समर्थन करते हैं? इनकी संख्या हमारे मुकाबले में बहुत कम है। लेकिन, जब जैन समाज का पर्यषण पर्व आता है तो सरकारें इनके सामने घुटने टेक देती हैं। सारी मटन की दुकान बंद की जाती है। कतलखाने बंद करने की बात होती है। जैसे दुनिया चलती है, उस तरह यह देश चलेगा या फिर अगल निजाम यहां क्यों चलेगा?

अबु आजमी ने सवाल उठाते हुए कहा कि जब हमारे मस्जिदों के सामने डीजे बजाते हैं। मस्जिदों के गुंबद पर चढ़कर भगवा झंडे लहराते हैं। रोजाना लव जिहाद के नाम पर परेशान किया जाता है। इन मामलों में जैन समाज ने कभी भी मुस्लिमों का साथ नहीं दिया। आज तक हमें नहीं पूछा। जैन समाज अपनी लड़ाई खुद लड़े। समर्थन चाहिए तो बैठकर बात करे। हम पिछलग्गू क्यों बने? रिश्ता दोनों तरफ से चलता है।

क्या है पूरा मामला?


झारखंड में चल रही हेमंत सोरेन सरकार ने गिरिडीह जिले में स्थित पारसनाथ पहाड़ी को पर्यटन स्थल के तौर पर घोषित किया है। इसके खिलाफ देश भर में जैन समाज का प्रदर्शन चल रहा है। पारसनाथ पहाड़ी दुनिया भर के जैन धर्म मानने वालों के बीच सर्वोच्च तीर्थ सम्मेद शिखर के रूप में प्रसिद्ध है। इसके अलावा जैन समाज का आक्रोश शत्रुंजय पर्वत पर भगवान आदिनाथ की चरण पादुकाओं को खंडित करने को लेकर भी भड़का हुआ है।

पिछले दिनों इस मामले को लेकर जैन समाज का एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। इसके अलावा दिल्ली, मुंबई और अहमदाबाद में महारैली का भी आयोजन किया गया है। इसी मुद्दे पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पार्टी के विधायक के अलग-अलग बयान सामने आए हैं।

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न्योता, नकार, तकरार से 'थैंक्यू' तक... 'भारत जोड़ो यात्रा' के लिए यूं चला अखिलेश-राहुल में संवाद

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लखनऊः उत्तर प्रदेश में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत हो गई है। इसके साथ ही यह भी तय हो गया है कि कभी राहुल गांधी की कांग्रेस के साथ उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उतरने वाली समाजवादी पार्टी इस यात्रा में हिस्सा नहीं लेगी। अखिलेश यादव ने एक चिट्ठी लिखकर राहुल गांधी को अपनी शुभकामनाएं भेज दी हैं। वह पहले भी कह चुके हैं कि भारत जोड़ो यात्रा को लेकर उनकी भावनाएं कांग्रेस के साथ हैं लेकिन दोनों ही पार्टियों के सिद्धांत अलग हैं। साफतौर पर तो नहीं लेकिन तभी इशारों में उन्होंने कह दिया था कि वह राहुल गांधी की इस यात्रा में शामिल नहीं होंगे। इन सबको लेकर राहुल और अखिलेश दोनों ही की ओर से लंबी कवायद चली और नतीजा फिर भी वही रहा, जिसकी उम्मीद की जा रही थी।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तीन जिलों गाजियाबाद, बागपत और शामली से होकर गुजरने वाली है। यूपी में यात्रा की कुल दूरी सिर्फ 130 किमी है। इस बेहद संक्षिप्त यात्रा में कांग्रेस की कोशिश थी कि प्रदेश के विपक्षी दलों का साथ लेकर भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ एक मजबूत मोर्चे का संदेश जनता में ज्ञापित कर सके। इसके लिए पार्टी ने प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेताओं को यात्रा में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजा था। इसमें मायावती, अखिलेश यादव, जयंत चौधरी और ओम प्रकाश राजभर भी शामिल थे।

मायावती-जयंत का साफ इनकार
मायावती की पार्टी ने उनके इस यात्रा में शामिल होने से साफ इनकार कर दिया था। हालांकि, मायावती ने यात्रा शुरू होने से पहले एक ट्वीट में राहुल को न्योता देने के लिए धन्यवाद भी दिया। जयंत चौधरी ने अपनी व्यस्तता का हवाला देकर यात्रा के लिए न्योते से किनारा कर लिया। यह यात्रा उन्हीं इलाकों में हो रही है, जहां आरएलडी काफी प्रभावी हालात में है। ओम प्रकाश राजभर भी मीटिंग करके फैसला लेने की बात कहकर न्योते को स्वीकार करने के सवाल से पलट गए।

अखिलेश की 'भावनाएं' ही ले पाए राहुल
अखिलेश यादव से जब यह सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के साथ उनकी भावनाएं हैं। निमंत्रण के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि उन्हें कोई न्योता नहीं मिला है। मीडिया में जो बातें चल रही हैं, वह चंडूखाने की गप्प हैं। इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में फिर जब यही सवाल किया गया तो अखिलेश थोड़े चिड़चिड़ा गए। उन्होंने दोबारा वही बातें कहीं कि उनकी भावनाएं भारत जोड़ो यात्रा के साथ हैं लेकिन कांग्रेस और सपा का सिद्धांत अलग-अलग है। उन्होंने गंभीर मुद्रा बनाकर यह भी कह दिया कि भाजपा और कांग्रेस दोनों एक ही हैं।

जब अखिलेश से राहुल ने जोड़ा 'रिश्ता'
उनके इस आरोप के बाद राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा की अपनी 9वीं प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश से अपना 'रिश्ता' जोड़ लिया। राहुल ने कहा, 'अखिलेश जी, मायावती जी मोहब्बत का हिंदुस्तान चाहते हैं, मैं जानता हूं। नफरत का हिंदुस्तान नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि उनके साथ रिश्ता तो है। भारत जोड़ने और नफरत मिटाने का रिश्ता उनके साथ है।' राहुल ने जब ये बात कही तो लगा कि वह भारत जोड़ो यात्रा में यूपी के दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों को जोड़ने के लिए उन्हें साधने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन तभी उन्होंने उसी कॉन्फ्रेंस में एक और बयान दे दिया, जिससे सपा चिढ़ गई।

सपा नैशनल पार्टी नहीं हैः राहुल
राहुल ने कहा, 'अगर आप सपा को देखें तो उनके पास एक नैशनल विचारधारा नहीं है। यूपी में जरूर उनकी पोजिशनिंग है। उसको डिफेंड करना है तो हो सकता है कि वो (हमारे साथ) न आएं लेकिन सपा का आइडिया केरल, कर्नाटक में नहीं चल सकता। बिहार में भी नहीं चलेगा।' राहुल के इस बयान पर सपा ने पलटवार भी किया और अपनी विचारधारा को गांधी और दक्षिण अफ्रीका के लोकप्रिय नेता नेल्सन मंडेला तक से जोड़ दिया।

सपा ने कांग्रेस को सुनाई खरी-खोटी
सपा के मीडिया सेल ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा, 'राहुल गांधी कह रहे कि सपा की कोई राष्ट्रीय विचारधारा नहीं। राहुल गांधी ये जान लें कि समाजवादी विचारधारा सिर्फ देश ही नहीं पूरे विश्व में है। भगत सिंह, लोहिया जी, नेल्सन मंडेला, महात्मा गांधी जैसे विश्व क्रांतिकारी और नेता समाजवादी विचारधारा के ही थे। हां कांग्रेस की कोई विचारधारा नहीं। कांग्रेस वैचारिक पार्टी नहीं बल्कि सत्ताप्रेमी दल है। भाजपा और कांग्रेस की विचारधारा इस मामले में मिलती-जुलती है। इन दोनों दलों को हर कीमत पर सत्ता चाहिए। उसके लिए चाहे जो समझौते करने पड़े लेकिन समाजवादी विचारधारा संविधान का पालन करती है।'

इतना ही नहीं, सपा ने एक और ट्वीट के जरिए राहुल गांधी को समाजवाद और संविधान पढ़ने की भी सलाह दे डाली। पार्टी ने कहा, 'विश्व के तमाम देश आज भी समाजवादी विचारधारा पर चलते हैं ,समाजवाद ही मानव सभ्यता का मूल है लेकिन भाजपा हो या कांग्रेस ,इनकी कोई विचारधारा न थी, न है, न ही आगे कोई संभावना है। राहुल गांधी समाजवाद और संविधान को पहले पढ़ें, तब बयानबाजी करें। समाजवाद तो संविधान में भी निहित है।'

अखिलेश ने भी कांग्रेस को सुनाया
अखिलेश यादव से जब राहुल के बयान पर प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में जब कमलनाथ की सरकार बनानी थी तब वह सपा का ही विधायक खोज रहे थे।अखिलेश ने कहा कि सपा लगातार राष्ट्रीय पार्टी बनने की कोशिश कर रही है। नेताजी के समय में कई प्रदेश में पार्टी के विधायक रह चुके हैं। मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने के लिए सपा के विधायकों को ढूंढ रहे थे। उन्हीं के समर्थन से सरकार बनी। महाराष्ट्र में जब सरकार बनाने की चर्चा थी, तब भी सपा के विधायकों का सहयोग मांग रहे थे।

अखिलेश ने कहा, नेताजी ने लोकसभा की सीटों पर राष्ट्रीय पार्टी के प्रत्याशियों को समर्थन देकर जिताया। कांग्रेस वालों को सपा के बारे में यह नहीं कहना चाहिए कि वह राष्ट्रीय पार्टी नहीं है। नेहरू से समाजवादी नेता लोहिया खर्चों को लेकर जो सवाल पूछते थे, वो आज भी चर्चा में हैं। सपा आने वाले समय में राष्ट्रीय पार्टी बनेगी।

अखिलेश ने चिट्ठी लिख राहुल को कहा धन्यवाद
भारत जोड़ो यात्रा के निमंत्रण को लेकर बात शुरू हुई और समाजवाद की व्याख्या तक पहुंच गई। इस पूरी बहस के बीच आखिरकार कांग्रेस ने सपा मुखिया को आमंत्रण पत्र भेज ही दिया लेकिन फिर भी अखिलेश ने यात्रा में शामिल होने के लिए हामी नहीं भरी। उन्होंने राहुल को एक चिट्ठी लिखकर 'थैंक्यू' बोल दिया। अपनी चिट्ठी में अखिलेश ने लिखा, 'प्रिय राहुल जी, भारत जोड़ो यात्रा में निमंत्रण के लिए धन्यवाद एवं भारत जोड़ो की मुहिम की सफलता के लिए हार्दिक शुभकामनाएं।'

अखिलेश ने आगे लिखा, 'भारत भौगोलिक विस्तार से अधिक एक भाव है, जिसमें प्रेम, अहिंसा, करूणा, सहयोग और सौहार्द्र ही वो सकारात्मक तत्व हैं, जो भारत को जोड़ते हैं। आशा है ये यात्रा हमारे देश की इसी समावेशी संस्कृति के संरक्षण के उद्देश्य से अपने लक्ष्य को प्राप्त करेगी।'

गाजियाबाद में राहुल को सिर्फ टिकैत का साथ
अब यह तय हो गया है कि अखिलेश भारत जोड़ो यात्रा में शामिल नहीं होने वाले हैं। गाजियाबाद में राहुल की यात्रा शुरू भी हो गई है और खबर है कि विपक्ष के बड़े नेता के नाम पर उनके साथ सिर्फ किसान नेता राकेश टिकैत ही दिखेंगे। टिकैत भी संसदीय राजनीति से काफी दूर हैं लेकिन वेस्ट यूपी की कुछ सीटों पर उनके प्रभाव से इनकार नहीं किया जा सकता। वह भाजपा के खिलाफ मोर्चे के एक महत्वपूर्ण नेता के तौर पर भी जाने जाते हैं।

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यूपी बीजेपी में जल्द हो सकता है 'आंशिक' बदलाव, इन 5 नेताओं से वापस ली जा सकती है संगठन की जिम्मेदारी

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लखनऊः भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के अपने संगठन में बदलाव की तैयारी कर रही है। सोमवार को लखनऊ में आयोजित पार्टी की मीटिंग में राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने इस पर सहमति दी है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने यह बात कही है। उन्होंने कहा कि संतोष की सहमति के बाद जल्दी ही संगठन में आंशिक बदलाव किए जाएंगे। हालांकि चौधरी ने पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में प्रस्तावित बदलावों के बारे में नहीं बताया, लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी के 5 नेताओं को बदलने की संभावना है, जिन्हें पिछले साल भाजपा के सत्ता में लौटने के बाद योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था।

बैठक के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने संगठन में आंशिक बदलाव की सहमति दी है। जल्द ही यूपी संगठन में बदलाव किए जाएंगे। जिन नेताओं को संगठन से हटाया जा सकता है, उनमें शहरी विकास मंत्री एके शर्मा और परिवहन मंत्री दया शंकर सिंह शामिल हैं। दोनों के पास संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष का प्रभार भी है। इसी तरह सहकारिता मंत्री जेपीएस राठौड़ प्रदेश महासचिव का पद छोड़ेंगे। महिला कल्याण मंत्री बेबीरानी मौर्य को भी केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी के बाद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का पद छोड़ना होगा। इसी तरह, समाज कल्याण मंत्री नरेंद्र कश्यप ओबीसी मोर्चा प्रमुख का पद छोड़ देंगे।

भाजपा संगठन में शामिल किए गए नए लोगों में पूर्व मंत्रियों- जय प्रताप सिंह, उपेंद्र तिवारी और सुरेश राणा के नाम पिछले कुछ दिनों से चर्चा में हैं। हालांकि, अंतिम फैसला पार्टी आलाकमान की मंजूरी के बाद लिया जाएगा।

कार्यकर्ताओं को किया प्रेरित
बैठक के बाद भूपेंन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के संकल्प की पूर्णतः में हर कार्यकर्ता को जुटना है। हर कार्यकर्ता को वैभवशाली राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका सुनिश्चित करना है। राधा मोहन सिंह ने बैठक में कहा कि भारतीय जनता पार्टी का कार्यकर्ता विचारधारा के लिए कार्य करता है और उस विचारधारा के मूल में वैभवशाली राष्ट्र निर्माण है।

भूपेंद्र चौधरी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो नोटबंदी की थी इस दौरान तमाम राजनीतिक दलों के द्वारा प्रतिक्रियाएं दी गई थी जिसमें 58 याचिकाएं नोट बंदी को लेकर दाखिल की गई थी। उसको अस्वीकार कर दिया है। सर्वोच्च न्यायालय ने नोटबंदी को सही ठहराने का काम किया है। यह उन लोगों पर तमाचा है जो नोट बंदी को लेकर सवाल खड़े करते थे। ओबीसी आरक्षण को लेकर चौधरी ने कहा कि आज सरकार सुप्रीम कोर्ट गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार कर लिया हैं। इसकी सुनवाई 4 जनवरी से शुरू होगी।

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'चीन की कंपनियों से चंदा मिलता है इसीलिए राहुल तरफदारी करते हैं', भारत जोड़ो यात्रा पर बीजेपी का हमला

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लखनऊ: राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की भारत जोड़ो यात्रा (Bharat Jodo Yatra in UP) अपने तीसरे चरण में यूपी में प्रवेश कर गई। यात्रा के पहले दिन राहुल गांधी ने दिल्‍ली के कश्‍मीरी गेट स्थित हनुमान मंदिर के पास से शुरुआत की। यात्रा ने यूपी में गाजियाबाद से प्रवेश किया और बागपत पर जाकर रुक गई। इसके बाद राहुल वापस दिल्‍ली चले गए। बताया जा रहा है कि हर दिन 25 किलोमीटर चलना है, इसलिए अगले दिन बागपत में 25 किलोमीटर चलेंगे। बीजेपी ने राहुल की इस महत्‍वाकांक्षी भारत जोड़ो यात्रा को परिवार जोड़ो यात्रा कहते हुए कांग्रेस की राजनीति और उसकी विचारधारा पर जमकर हमला किया।

यूपी बीजेपी कार्यालय में उप मुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा, राहुल की यात्रा यूपी को छूते हुए निकल रही है। यह बताता है कि राहुल के मन में यूपी की जनता से कितना दुराव है। इसीलिए उन्‍होंने इस तरह जनता को निराश किया है। कांग्रेस के नेता सिर्फ टहलने आए। इस यात्रा का कोई उद्देश्‍य नहीं।'

चीन और भारतीय सेना के बीच हुए गतिरोध पर राहुल गांधी के बयान का जिक्र करते ब्रजेश पाठक ने कहा, राहुल भारतीय सेना का मनोबल गिराने का काम कर रहे हैं। मुझे पूरा भरोसा है कांग्रेस को चीन की कंपनियों से चंदा मिलता है, राहुल चाहते हैं कि चीन के आगे सरेंडर कर दिया जाए।

जनता की समझ की सराहना करते हुए ब्रजेश पाठक ने कहा, यूपी से कांग्रेस साफ हो चुकी है। यूपी की जनता ने उसे नकार दिया इसलिए राहुल गांधी की यूपी आने की हिम्‍मत नहीं हुई। इसके लिए यूपी की जनता का अभिनंदन क्‍योंकि उसने कांग्रेस के सच को समझा है। (इनपुट: संदीप त‍िवारी)

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Rahul Priyanka: अडानी-अंबानी ने सारे नेताओं को खरीद लिया, प्रियंका का दावा- भाई राहुल गांधी को नहीं खरीद पाए

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लखनऊ: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में निकल रही भारत जोड़ो यात्रा मंगलवार को उत्तर प्रदेश पहुंच गई है। इस दौरान कांग्रेस महासचिव और यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का स्वागत करते हुए कहा कि हमें हर उस भारतवासी पर गर्व है, जो इस यात्रा से जुड़ा है। उन्होंने राहुल गांधी को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे बड़े भाई, सबसे ज्यादा गर्व मुझे आप पर है। सत्ता का पूरा जोर लगाया गया। इनकी छवि खराब करने के लिए सरकार ने हजारों करोड़ खर्चे, इनके पीछे एजेंसियां लगाई गईं लेकिन ये डिगे नहीं। अडानी और अंबानी ने देश के सारे नेताओं को खरीद लिया, लेकिन मेरे भाई को नहीं खरीद पाए और ना कभी खरीद पाएंगे।

प्रियंका गांधी ने कार्यकर्ताओं से कहा, जैसा कि राहुल गांधी ने कहा है कि नफरत की बाजार में मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं। इसको लेकर प्रियंका ने कहा कि मैं यूपी के एक-एक कार्यकर्ता और एक-एक देशवासी से कहना चाहती हूं कि हर गली-मोहल्ले, गांव- ब्लॉक, हर जिले, हर सड़क पर इस मोहब्बत की दुकान की फ्रेंचाइजी खोलो। अगर नहीं खोलोगे तो नफरत और लोगों को तोड़ने वाली राजनीति आगे बढ़ती रहेगी। इससे आपकी समस्या का समाधान कभी नहीं होगा। आपको रोजगार नहीं मिलेंगे, अर्थव्यवस्था मजबूती नहीं हो पाएगी। महंगाई नहीं घट पाएगी।

भारत जोड़ा यात्रा का मकसद देश को जोड़ना

गाजियाबाद में भारत जोड़ो यात्रा का स्वागत करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा जोड़ने की बात करती है। ऐसा इसलिये कर रही है कि जब देश एकजुट होगा, तभी मजबूत होगा। इसके साथ ही उन्होंने एकजुटता की बात करते हुए कहा कि जब आप सभी लोग एक साथ होंगे, तभी इस सरकार से अपना हक मांग पाएंगे। जबतक आप अलग रहेंगे तब तक आपके ध्यान को अलग-अलग मुद्दों पर आकर्षित किया जाएगा। प्रियंका ने आगे कहा कि आपका ध्यान रोजगार, महंगाई और विकास पर केंद्रित होना चाहिए। यही आपकी मांग भी होनी चाहिए।

राहुल गांधी को भगवान सुरक्षित रखेगा

इस दौरान प्रियंका ने राहुल के टीशर्ट पहनने और उनकी सुरक्षा को लेकर कहा कि वह सत्य का कवच पहनकर चल रहे हैं। भगवान इनको सुरक्षित रखेगा। उत्तर प्रदेश में भारत जोड़ो यात्रा 130 किमी का सफर तय करेगी। इस दौरान पश्चिमी यूपी के 3 जिलों गाजियाबाद, बागपत और शामली जिले से होते हुए यह यात्रा गुजरेगी। कांग्रेस की इस यात्रा की सफलता को लेकर सपा मुखिया अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती और आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने अपनी-अपनी शुभकामनाएं भी दी है। कांग्रेस की ओर से विपक्षी दलों के नेताओं को यात्रा में शामिल होने के लिये न्योता भी भेजा गया था।
रिपोर्ट - अभय सिंह

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2024 में कांग्रेस से हाथ मिलाएगी सपा? कहां से चुनाव लड़ेंगे अखिलेश, सपा प्रमुख ने बता दिया सबकुछ

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नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव में भले ही अभी समय है लेकिन समाजवादी पार्टी अभी से पूरी तैयारी में जुट गई है। यूपी में रामपुर जैसा गढ़ गंवाने वाली समाजवादी पार्टी का कहना है कि लोकसभा चुनाव में बीजेपी को मुश्किल होने वाली है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव का कहना है कि 2024 में पार्टी की रणनीति लोगों की चाह को आवाज देने की है। अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग चाहते हैं यदि हम वो संदेश देने में कामयाब हो गए परिवर्तन होगा। अखिलेश ने कहा कि नेताजी ने विरासत में समाजवादी आंदोलन दिया है। उन्होंने बहुत संघर्ष से समाजवादी पार्टी बनाई। अखिलेश यादव ने कहा कि नेताजी हमें सेक्यूलर पॉलिटिक्स देकर गए।

2024 में किसके साथ जाएगी सपा
अगले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी का गठबंधन किस दल से होगा। समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के साथ रहेगी या बहुजन समाज पार्टी से हाथ मिलाएगी। इस सवाल के जवाब में अखिलेश यादव ने कहा, भविष्य में क्या होगा इसके बारे में मैं अभी कुछ नहीं कह सकता हूं। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि जो लोग अभी गठबंधन में हैं, हम लोग उन्हीं को लेकर साथ चल रहे हैं।

अगले लोकसभा चुनाव से पहले नया मोर्चा बनेगा?
साल 2024 में बीजेपी के मुकाबले कौन सा विपक्षी मोर्चा खड़ा होगा। अखिलेश यादव पहले ये बात कह चुके हैं कि उनकी नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, के. चंद्रशेखर राव समेत अन्य नेताओं से बात चल रही है। साल 2024 के सवाल में कौन सी पार्टी खड़ी होगी। इस सवाल के जवाब देने में भी अखिलेश कन्नी काट गए। अखिलेश ने तीसरे मोर्चे पर कुछ भी साफ रूप से कहने से इनकार कर दिया।

2024 में कहां से चुनाव लड़ेंगे अखिलेश
साल 2024 में सपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद की दावेदारी को लेकर अखिलेश ने स्थिति साफ कर दी। पीएम पद का उम्मीदवार बनने को लेकर अखिलेश ने साफ कहा कि मेरा इतना बड़ा सपना नहीं है। अगले साल लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि वह लोकसभा का चुनाव जरूर लड़ेंगे। सपा प्रमुख ने कहा कि कन्नौज या कहीं और या किस सीट से चुनाव लड़ना है यह पार्टी तय करेगी। उन्होंने कहा कि पीएम बनने का सपना नहीं है।

सपा से सिर्फ यादव, मुस्लिम नहीं सभी वर्ग के लोग जुड़े हैं
जातिवादी राजनीति- मुस्लिम और यादव की राजनीति के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी का यह नैरेटिव है और जो हमारी विपक्षी पार्टी है, मुस्लिम और यादव पार्टी की ताकत है। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी से हर धर्म और वर्ग के लोग जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि हम सभी के साथ खड़े हैं। उन्होंने कहा कि हमें कमजोर दिखाने के लिए एमवाई का फॉर्म्यूला दिखाया जाता है। उन्होंने कहा कि हमनें मैनपुरी में 65 परसेंट वोट हासिल किए हैं। अगर हमें इतना वोट मिला है तो क्या यह सिर्फ एमवाई वोट हैं। अखिलेश ने कहा कि एमवाई का मतलब महिलाएं और यूथ है।

'जनता मुझे चुनती है इसके लिए मैं दोषी हूं'
2017 और 2022 में बीजेपी की जीत को लेकर अखिलेश यादव ने कहा कि आप पीएम मोदी और सीएम योगी की स्पीच निकाल कर देख लीजिए। पीएम ने एक सभा में 25 बार घोर परिवारवादी कहा था। अखिलेश ने सवाल उठाया कि क्या बीजेपी में परिवारवाद नहीं हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि यदि मुझे जनता चुनती है तो उसके लिए मैं दोषी हूं। उन्होंने कहा कि यदि जनता मुझे चुनती है तो क्या इसके लिए जनता जिम्मेदार है। अखिलेश यादव ने सपा का अध्यक्ष चुने जाने पर कहा कि यह पद नॉमिनेशन से नहीं मिलता है।

समाज को बांटने की राजनीति करती है बीजेपी
बीजेपी की पॉलिटिक्स हिंदू-मुस्लिम को बांटने की है। बीजेपी समाज को बांटती है और वोट हासिल करती है। अखिलेश ने कहा कि बीजेपी प्रॉपगैंडा करती है, इससे उसे फायदा मिलता है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि बीजेपी का संगठन मजबूत है, उनकी जीत में इसका भी अहम रोल होता है। अखिलेश ने कहा कि मतभेद किस दल में नहीं है। उन्होंने कहा कि बीजेपी में बहुत मतभेद हैं। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी में थोड़ा सा भी कुछ होता है तो सबको दिख जाता है।


महंगाई-बेरोजगारी चरम पर, बीजेपी के लिए मुश्किल
अखिलेश यादव ने कहा कि देश में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर है। उन्होंने कहा कि इस बार परिस्थितियां ऐसी बन गई है कि बीजेपी मुकाबला नहीं कर पाएगी।

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बीजेपी को हर चुनाव में मिला जनता का साथ, संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने दिए 2024 लोकसभा चुनाव जीत के गुरु मंत्र

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लखनऊ: नए साल की शुरुआत के साथ ही भारतीय जनता पार्टी 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। इसी बीच बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष दो दिवसीय दौरे पर यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचे। वहीं दौरे के दूसरे दिन भी मैराथन बैठकों का दौर चला। इस दौरान बीएल संतोष ने कहा कि जनता का समर्थन बीजेपी को लगातार मिल रहा है। यही वजह है कि प्रदेश में चाहे लोकसभा, विधानसभा, जिला पंचायतों के चुनाव हो, हर चुनाव में बीजेपी को जनता का आशीर्वाद मिला है। उन्होंने कहा कि ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि हम जनअपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करते हुए बीजेपी सरकार की योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति को मिले इसके लिए काम करना चाहिए।

दअरसल बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने अपने दौरे के दूसरे दिन लखनऊ स्थित बीजेपी कार्यालय पर जिला पंचायत अध्यक्षों के साथ बैठक की। उस बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र व सीएम योगी के नेतृत्व में राज्य की बीजेपी सरकार ने लोककल्याण के संकल्प के साथ जनहित की अनेको योजनाएं लागू की है। उन्होंने कहा कि संगठन के विस्तार की प्रक्रिया को लगातार जारी रखते हुए हमें अपने-अपने दायित्वों का भी निर्वहन करना होगा।

बीएल संतोष आगे ने कहा कि जनता ने अपार समर्थन और प्यार हमें दिया है। ऐसे में हमारा प्रयास होना चाहिए कि बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार-प्रसार हो। उन्होंने कहा कि हर पात्र व्यक्ति तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए सरकार और जनता के बीच सेतु बनकर योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुचाएं। वहीं बैठक के दौरान राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह चौधरी, प्रदेश महामंत्री (संगठन) धर्मपाल सिंह समेत तमाम पार्टी के पदाधिकारी मौजूद रहे।

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी ने कहा कि मोदी-योगी सरकार द्वारा गांवों के सर्वांगीण विकास किया है। इसी का परिणाम है कि लोकसभा, विधानसभा चुनावों की ही तरह हमें पंचायत चुनाव में भी ऐतिहासिक सफलता मिली है। प्रदेश में बड़ी संख्या में हमारे जिला पंचायत अध्यक्ष जीतकर आए है। उन्होंने कहा कि हम सबको मिलकर समन्वय संपर्क और संवाद के माध्यम से योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंचाना है।

पार्टी के मीडिया और सोशल मीडिया विभाग की संयुक्त बैठक में मार्गदर्शन करते हुए कहा कि हमें तथ्यपरक ढ़ग से अपनी बात को रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में सोशल मीडिया की भूमिका महत्वपूर्ण हो गई है। ऐसे में त्वरित ढ़ग से सोशल मीडिया पर पार्टी का पक्ष और सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए हमें जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करना होगा।
रिपोर्ट- अभय सिंह

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Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में निमंत्रण के बाद भी नहीं पहुंचे राकेश टिकैत, आखिर क्यों?

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लखनऊः कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश में प्रवेश कर चुकी है। बुधवार को उनकी यात्रा का दूसरा दिन है लेकिन उनके साथ विपक्ष का एक भी नेता अभी तक नहीं जुड़ा है। किसान नेता राकेश टिकैत को भी यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया गया था। खबर थी कि टिकैत भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे लेकिन अब उन्होंने वहां जाने से मना कर दिया है। उन्होंने साफतौर पर कह दिया है कि किसान यूनियन के कार्यकर्ता चाहें तो भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हो सकते हैं लेकिन पार्टी के पदाधिकारी यात्रा में शामिल नहीं होंगे।

राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा उत्तर प्रदेश के तीन जिलों गाजियाबाद, शामली और बागपत से होकर गुजर रही है। तीनों जिले पश्चिमी उत्तर प्रदेश के वे इलाके हैं, जहां राकेश टिकैत का अच्छा-खासा प्रभाव है। किसान आंदोलन के समय में भी यही इलाका काफी ऐक्टिव था। ऐसे में राकेश टिकैत का कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होना एक महत्वपूर्ण घटना होती लेकिन बुधवार को टिकैत ने साफतौर पर कह दिया कि उन्हें न्योते तो मिल रहे हैं लेकिन वह यात्रा में शामिल नहीं होंगे।

कार्यकर्ताओं को छूट
इतना ही नहीं, टिकैत ने कहा कि भाकियू के जिलाध्यक्ष पद से ऊपर का कोई भी कार्यकर्ता भारत जोड़ो यात्रा में नहीं जाएगा। बाकी कार्यकर्ताओं के लिए छूट है कि वे इसमें शामिल हो सकते हैं। राकेश टिकैत से जब यह पूछा गया कि वह भारत जोड़ो यात्रा में क्यों शामिल नहीं हो रहे हैं तो उन्होंने कहा कि हमारा संगठन गैर-राजनीतिक संगठन है और हमारी पार्टी में कई विचारधारा के लोग हैं। हम यात्रा में नहीं जा रहे हैं लेकिन पार्टी में कोई ऐसा आदमी भी हो सकता है, जो किसान संगठन में भी हो और यात्रा में भी जाए।

टिकैत ने कहा कि हमारा आंदोलन सरकार की नीतियों के खिलाफ है। कांग्रेस की भी कई राज्यों में सरकार है। छत्तीसगढ़ में हम उनके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस से उनके किसान नीति के बारे में बात करना चाहते हैं। 9 जनवरी को हरियाणा में हम कांग्रेस के नेताओं से बात करेंगे।

यात्रा का स्वागत करने वाले थे टिकैत!
कांग्रेस ने भारत जोड़ो यात्रा के लिए विपक्षी दलों में अखिलेश यादव, मायावती और जयंत चौधरी को भी न्योता दिया था। सभी नेताओं ने राहुल गांधी को शुभकामनाएं देते हुए यात्रा में शामिल होने से मना कर दिया। मंगलवार को यात्रा के उत्तर प्रदेश में प्रवेश से पहले कहा जा रहा था कि गाजियाबाद में किसान नेता राकेश टिकैत यात्रा का स्वागत करेंगे लेकिन वह भी यात्रा में नहीं दिखे। उन्होंने खुद को गैर-राजनैतिक संगठन बताकर यात्रा से किनारा कर लिया।

कांग्रेस के कार्यक्रम से किनारा
कहा जा रहा है कि टिकैत कांग्रेस की इस यात्रा में शामिल होकर किसान आंदोलन को राजनैतिक बनाने से बचने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा भी है कि कई प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार है, जहां वो उनके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले भी यूपी चुनाव से पहले टिकैत का नाम अखिलेश यादव के साथ जोड़ा जा रहा था कि वह सपा को समर्थन देने का ऐलान कर सकते हैं। हालांकि, टिकैत भाजपा के खिलाफ खुले तौर पर सपा के साथ नहीं आए।

मशहूर हस्तियों ने लिया हिस्सा
बता दें कि कन्याकुमारी से शुरू हुई भारत जोड़ो यात्रा में कमल हासन, रघुराम राजन, अमोल पालेकर, पूजा भट्ट, स्वरा भास्कर, रामचंद्र गुहा, रोहित वेमुला की मां जैसी कई मशहूर हस्तियों ने हिस्सा लिया था। उत्तर प्रदेश में भी ऐसी ही उम्मीद थी कि कई महत्वपूर्ण राजनैतिक और गैर राजनीतिक हस्तियां इसमें हिस्सा लेंगी लेकिन अभी तक यूपी की ऐसी किसी हस्ती के यात्रा में शामिल होने की खबर नहीं है।

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